आईटीआई: कौशल विकास और रोजगार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

 


भारत (India) में आईटीआई (Industrial Training Institute) उन संस्थानों को कहा जाता है, जो तकनीकी शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। आईटीआई का उद्देश्य छात्रों को विभिन्न तकनीकी और व्यावसायिक क्षेत्रों में प्रशिक्षित करना है, ताकि वे उद्योग में रोजगार पा सकें या स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें।

आईटीआई की मुख्य विशेषताएँ:

  1. प्रशिक्षण पाठ्यक्रम:

    • आईटीआई विभिन्न ट्रेड्स (trades) में प्रशिक्षण प्रदान करता है, जैसे कि:
      • इलेक्ट्रीशियन
      • फिटर
      • वेल्डर
      • मशीनिस्ट
      • कारपेंटर
      • मैकेनिक (डीजल/मोटर वाहन)
      • कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रोग्रामिंग असिस्टेंट (COPA)
      • ड्रेस मेकिंग और फैशन डिजाइनिंग
      • प्लंबर
      • स्टेनोग्राफी आदि।
  2. प्रवेश योग्यता:

    • अधिकतर ट्रेड्स में प्रवेश के लिए 8वीं, 10वीं या 12वीं पास होना आवश्यक है।
    • आयु सीमा आमतौर पर 14 से 40 वर्ष के बीच होती है।
  3. अवधि:

    • प्रशिक्षण की अवधि 6 महीने से 2 साल तक हो सकती है, जो ट्रेड पर निर्भर करती है।
  4. सरकारी और निजी संस्थान:

    • आईटीआई के दोनों प्रकार के संस्थान होते हैं: सरकारी और निजी।
    • सरकारी आईटीआई की फीस निजी संस्थानों की तुलना में कम होती है।
  5. मूल्यांकन और प्रमाणपत्र:

    • प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, छात्रों को राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा परिषद (NCVT) या राज्य व्यवसायिक शिक्षा परिषद (SCVT) द्वारा प्रमाणपत्र दिया जाता है।
  6. रोजगार के अवसर:

    • आईटीआई से प्रशिक्षित व्यक्ति विभिन्न सरकारी विभागों, निजी कंपनियों, रेलवे, सेना और अन्य उद्योगों में रोजगार पा सकते हैं।
    • स्वरोजगार (self-employment) के लिए भी काफी अवसर उपलब्ध होते हैं।

क्या आप किसी विशेष आईटीआई ट्रेड या इसकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी चाहते हैं?

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